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गोताखोरों को मिला दुर्लभ प्रजाति का रंगीन घोंघा, सिर्फ 2 सेमी है लंबाई

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ब्रिटेन के स्किली द्वीप समूह के तट से कुछ दूरी पर एक दुर्लभ प्रकार का रंग-बिरंगा समुद्री घोंघा देखा गया है। गोताखोरों ने इसकी कई तस्वीरें खीचीं हैं। घोंघे की यह अनोखी प्रजाति लगभग दो सेमी लंबी है, जो इंसान की सबसे छोटी अंगुली के आकार से भी आधी है। इस घोंघे को 'बाबाकिना एनाडोनी'(Babakina anadoni) नाम से बुलाया जाता है। इस छोटे-से रंगीन घोंघे का ऊपरी हिस्सा देखने में ऐसा लगता है, मानों गहनों से लदा हो। ऊपर की ओर से यह बैंगनी, संतरी और पीले रंग से सजा हुआ है। 

जल्द ही चांद पर चहलकदमी करेगी पहली महिला, नासा ने 9 एस्ट्रोनॉट की बनाई सूची, कोई एक रचेगी इतिहास

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दोस्तों,  चांद पर सबसे पहले कदम रखने वाले एस्ट्रोनॉट नील आर्मस्ट्रॉन्ग (  Neil Armstrong)  का नाम तो आप सभी की जुबां पर है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि  आर्मस्ट्रॉन्ग  समेत  अब तक कुल 12 पुरुष  चांद पर चहलकदमी कर चुके हैं। इनमें  बज एल्ड्रिन (Buzz Aldrin) दूसरे,  पेटे कॉनराड (Pete Conrad) तीसरे,  एलन बीन (Alan Bean) चौथे,  एलन शेपर्ड (Alan Shepard)  पांचवें,  एडगर मिशेल (Edgar Mitchell) छठे,  डेविड स्कॉट (David Scott)  सातवें,  जेम्स इरविन (James Irwin)  आठवें,  जॉन यंग (John Young)  नौवें,  चार्ल्स ड्यूक (Charles Duke)  10वें,  यूजीन सेरनन (Eugene Cernan) 11वें और  हैरिसन श्मिट (Harrison Schmitt)  12वें एस्ट्रोनॉट थे। हालांकि, अब अच्छी खबर यह है कि जल्द ही चांद की सतह पर कदम रखने के मामले में महिलाओं का नाम भी जुड़ने वाला है। जी हां, दोस्तों अब तक किसी भी महिला एस्ट्रोनॉट ने चांद पर चहलकदमी नहीं की है। लेकिन  नासा जल्द ही चांद पर कदम रखने वाली पहली महिला को चुनने वाला है। दोस्तों, आपको बता दें कि  नासा ने इस दशक में अपने आर्टेमिस मून मिशन ( Artemis moon missions)  के लिए 18  एस्ट्रोनॉट

स्पैनिश जहाज के मलबे से सोने-चांदी के सिक्के सहित मिले कई शाही आभूषण, देखें तस्वीरें

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गोताखोरों को 17वीं शताब्दी के एक पौराणिक जहाज के मलबे से शाही सामान का खजाना मिला है। इस जहाज का मलबा 350 वर्षों से बहामास के शार्क-संक्रमित पानी के नीचे छिपा हुआ है। यह एक स्पैनिश जहाज है जिसका नाम  Nuestra Señora de las Maravillas  (Our Lady of Wonders)  है।  शाही सामान और धन से लदा Nuestra Señora de las Maravillas  4 जनवरी  1656 में अपने फ्लैगशिप और एक चट्टान से टकराने के बाद तेजी से  उत्तरी बहामास में छोटे बहामा के किनारे  डूब गया था।  इस दौरान 600 लोगों की मौत हो गई थी। इस जहाज का मलबा लगभग 13 किमी क्षेत्र में फैला हुआ है। सोने-चांदी की जंजीरें मिला ये सामान जहाज के मलबे से सोने-चांदी के सिक्के, स्पेनिश जैतून के जार, कांच से निर्मित शराब की बोतल, चीनी मिट्टी के बरतन और सोने व लोहे की जंजीर सहित कई शाही संपत्ति है। साथ ही एक चांदी की तलवार का हैंडल भी मिला है।  1656 और 1990 के दशक की शुरुआत के बीच जहाज के अधिकांश खजाने को उबार लिया गया था।  लेकिन हाल के प्रयासों से आधुनिक तकनीक का प्रयोग करके जहाज से कुछ कलाकृतियां प्राप्त हुईं, जिनको जहाज के डूबने के बाद से कभी छुआ ही नहीं गया।  प

बालों को उगाने में मदद करेगा यह प्रोटीन, गंजेपन से मिलेगा छुटकारा!

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दोस्तों, आपने उजड़ा चमन और बाला मूवी तो देखी ही होगी। दोनों ही फिल्में गंजेपन से जूझ रहे व्यक्ति की स्थिति को दर्शाती हैं। भले ही ये फिल्म उन लोगों के लिए कॉमेडी से भरपूर है, जिनके सिर पर भरे-पूरे बाल हैं। लेकिन जो लोग असल में गंजेपन को झेल रहे हैं, वे बालों को पाने के लिए क्या-क्या नहीं करते, ये हकीकत तो सिर्फ वही जानते हैं। कुछ लोग बाल उगाने वाला तेल लगाते हैं, तो कुछ घरेलु नुस्खे अपनाते हैं। वहीं कुछ लोग दवाइयों का, तो कुछ हेयर ग्रोथ वाला शैंपू इस्तेमाल कर बस जल्द से जल्द अपने बाल वापस पाना चाहते हैं। गंजापन खासकर, युवाओं के लिए बड़ा ही तकलीफदेह होता है। सिर पर बाल न होने के चलते एक तो लोग उनको टकला, गंजा, उजड़ा चमन जैसे नामों से चिढ़ाते हैं, दूसरा उनको शादी के लिए पार्टनर न मिलने में भी परेशानी आती है। खैर, गंजे लोगों के लिए वैज्ञानिकों ने एक ऐसे प्रोटीन की खोज की है, जो हेयर फॉलिकल को नष्ट होने से रोकता है। हेयर फॉलिकल, सिर की त्वचा पर छोटे-छोटे छिद्रों को कहा जाता है, जहां से बाल विकसित होते हैं। वैज्ञानिकों के नए शोध के मुताबिक, यह प्रोटीन बालों को फिर से विकसित करने की प्रक्रिय

धरती से 20 मील ऊपर ले जाने वाला लग्जरी यान तैयार, कॉकटेल संग मिलेगा अंतरिक्ष यात्रा का लुत्फ, 900 टिकट बिकी

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दोस्तों, क्या आपने कभी बेहद ऊंचाई पर जाकर धरती का नजारा देखा है। शायद, कुछ लोगों ने हवाई यात्रा के दौरान धरती का अद्भुत नजारा जरूर देखा होगा। जब हम बहुत ऊपर से नीचे की ओर देखते हैं, तो सब कुछ कितना छोटा नजर आता है और धरती का मनमोहक दृश्य भी दिखता है। इसके साथ ही हवाई यात्रा के जरिए आप और हम आसमान की एक रोमांचक सैर भी करते हैं।  हालांकि, हवाई जहाज के जरिए आप धरती से 7 से 8 मील ऊपर ही जा सकते हैं। लेकिन अगर आप धरती से 20 मील (105600 फीट) ऊपर जाकर धरती का अद्भुत से भी अद्भुत नजारा देखना चाहते हैं, तो 'स्पेसशिप नेपच्यून' आपका इंतजार कर रहा है। इस यान के जरिए आप अंतरिक्ष की सैर का लुत्फ उठा सकेंगे। जी हां दोस्तों, फ्लोरिडा की 'स्पेस पर्सपेक्टिव' नामक कंपनी ने अपने स्पेसशिप नेपच्यून का उद्घाटन कर दिया है। कंपनी के मुताबिक, इसके डिजाइन को अंतिम रूप दिया जा चुका है। ये स्पेसशिप बेहद लग्जरी और गोलाकार पॉड जैसा है। इसमें ऐशोआराम से आप सफर का लुत्फ उठा सकते हैं। यह आपको धरती से 20 मील ऊपर छह घंटे की यात्रा पर ले जाएगा। इस गोलाकार पॉड को आसमान में ले जाने का काम एक विशाल गुब्बारा क

16,700 फीट गहरे समुद्र में मिली अनोखे आकार की 48 प्रजातियां, देखें तस्वीरें

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दोस्तों, आपने समुद्र के किनारे तो कई बार सैर की होगी, लेकिन क्या आपने सैर करते हुए कभी समुद्र तल पर रहने वाले जीवों के बारे में जानने की कोशिश की है। शायद, कुछ लोग ही समुद्री जीवों में दिलचस्पी लेते हैं। खैर, हम आपको बता दें कि लंदन स्थित नेचुरल हिस्ट्री म्यूजियम (प्राकृतिक इतिहास संग्रहालय) के वैज्ञानिकों को समुद्र की गहराई में रहने वाले जीवों की 48 प्रजातियां मिली हैं।  खास बात यह है कि इनमें से 39 प्रजातियां नई हैं, जबकि नौ प्रजातियों के बारे में वैज्ञानिक पहले से जानते हैं। दोस्तों, क्या आप यकीन कर सकते हैं कि समुद्री जीवों की इतनी सारी प्रजातियां हैं। केवल यही नहीं, इन विभिन्न प्रजातियों की खासियत यह है कि इनका आकार एकदम विचित्र तरह का है। कोई ट्यूलिप जैसी है, तो कोई चिपचिपी गिलहरी जैसी,तो कोई आलू की तरह दिखती है। इसका नाम गमी स्क्विरल है। यह गोंद की तरह चिपचिपी है। इसे  साइक्रोपोट्स लॉन्गिकाउडा भी कहते हैं। इसकी लंबाई 60 सेमी है। इसका आंतरिक भाग लाल रंग का है। ये प्रजातियां मध्य प्रशांत महासागर में क्लेरियन-क्लिपरटन ज़ोन में 16,700 फीट (5,100 मीटर) पानी के नीचे पाई गई हैं। क्लेरि

रूस क्यों छोड़ रहा अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन का साथ, जानें हकीकत

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रूस ने 2024 के बाद अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) के साथ काम न करने का फैसला लिया है। हाल ही में रॉस्कॉस्मॉस के नए चीफ ने आईएसएस से बाहर निकलने की घोषणा की है। नए चीफ यूरी बोरिसोव ने मंगलवार को कहा कि रूस अपना खुद का ऑर्बिटिंग आउटपोस्ट बनाने पर ध्यान दे रहा है। हालांकि, यह घोषणा उन्होंने ऐसे वक्त पर की है, जब यूक्रेन में लड़ाई को लेकर मॉस्को और पश्चिम के बीच काफी तनाव की स्थिति बनी हुई है। घोषणा से लगता है कि रूस और यूक्रेन के युद्ध की लपटें अंतरिक्ष तक पहुंच गई हैं।   अपने दायित्व पूरा करेगा रूस एसोसिएट प्रेस के मुताबिक, हाल ही में नियुक्त हुए रॉस्कॉस्मॉस के नए चीफ यूरी बोरिसोव ने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ एक बैठक की। इस दौरान उन्होंने कहा कि रूस 2024 तक आईएसएस छोड़ने का फैसला कर चुका है। उन्होंने आगे कहा, उस समय तक रूस अपना ऑर्बिटिंग स्पेस स्टेशन बनाना शुरू कर देगा। साथ ही उन्होंने आईएसएस का साथ छोड़ने से पहले अपने सहयोगियों के साथ अपने दायित्वों को पूरा करने की बात भी सुनिश्चित की। नासा ने नहीं की कोई टिप्पणी गौरतलब है कि नासा और उसके सहयोगियों ने आईएसएस का संचालन 20